शुक्रवार, 14 मार्च 2008

पाकिस्तानी अदालत ने ज़रदारी को भ्रष्टाचार के एक और आरोप से बरी किया

पाकिस्तानी अदालत ने ज़रदारी को भ्रष्टाचार के एक और आरोप से बरी किया
वकीलों ने कहा है कि एक पाकिस्तानी अदालत ने पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक और मामले को खारिज कर दिया है । पिछले हफ्ते ही उन्हें भ्रष्टाचार के कुछ अन्य आरोपों से बरी किया गया था ।

अदालत के इस फैसले से श्री आसिफ अली ज़रदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का केवल एक मामला बचा है ।

पिछले हफ्ते एक अदालत ने राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ द्वारा दी गई माफी के तहत श्री ज़रदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के पांच आरोप खारिज कर दिये थे । उस समझौते के तहत श्री ज़रदारी और उनकी स्वर्गीय पत्नी, पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो को निर्वासन से पाकिस्तान लौटने की इजाजत दी गई थी ।

अदालत ने श्री ज़रदारी की उन संपत्तियों को भी लौटाने का आदेश दिया, जिन्हें पहले सील कर दिया गया था ।

उनके खिलाफ 1996 में श्रीमती भुट्टो के भाई मुर्तज़ा भुट्टो की हत्या में शामिल होने का आरोप भी है । यह मामला वर्षों से लटका हुआ है ।

श्री ज़रदारी की पार्टी पिछले महीने हुए चुनावों में राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के सहयोगियों को हराने के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाने पर सहमत हो गई ।
श्री ज़रदारी ने भ्रष्टाचार के आरोपों में बिना अभियुक्त करार दिये, वर्षों पाकिस्तान की जेल में बिताए थे । उन्हें 2004 में जमानत पर रिहा किया गया था और उनका दावा है कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित थे ।

वह 1990 के दशक में अपनी पत्नी के दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर उनकी सरकार में मंत्री थे और तब उन्हें कथित तौर पर रिश्वत लेने के लिए "मि. 10 परसेंट" कहा जाने लगा था ।

कोई टिप्पणी नहीं: