शनिवार, 8 मार्च 2008

मुशर्रफ ने पाकिस्तान में नए गठबंधन को समर्थन देने का वायदा किया

मुशर्रफ ने पाकिस्तान में नए गठबंधन को समर्थन देने का वायदा किया

पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ ने शुक्रवार को वायदा किया कि जब तक शांति बनी रहेगी, वह नई गठबंधन सरकार को पूरा समर्थन देंगे ।

श्री मुशर्रफ अगले दो हफ्तों के भीतर नई संसद का गठन कर सकते हैं ।

पिछले महीने हुए संसदीय चुनावों में मध्यमार्गी और धर्मनिरपेक्ष पाकिस्तानी विपक्षी पार्टियों ने ज्यादातर सीटें जीत ली थीं और मुशर्रफ-समर्थक सत्तारूढ़ पार्टी तथा इस्लामी पार्टियों को हरा दिया था । चुनाव में विजयी हुए कुछ लोगों ने श्री मुशर्रफ से इस्तीफा देने के लिए कहा है ।

पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष ने कहा कि सशस्त्र फौजें भी नव-निर्वाचित सांसदों को समर्थन देंगी ।

जनरल अश्फाक परवेज़ कयानी ने कहा कि सेना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का समर्थन करती है और निर्वाचित नेताओं को समर्थन देने की अपनी संवैधानिक भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है ।

पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ कमांडरों के साथ हुई बैठक में जनरल कयानी ने सेना और राष्ट्रपति मुशर्रफ के बीच दरार पड़ने के संकेतों को खारिज करते हुए कहा कि यह देश के हित में नहीं होगा ।

जनरल कयानी को पिछले वर्ष श्री मुशर्रफ ने दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के बाद और खुद सेनाध्यक्ष का पद छोड़ने पर सेनाध्यक्ष नियुक्त किया था ।

जनरल कयानी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना राजनीतिक प्रक्रिया से बाहर रहेगी और उन्हें आशा है कि सशस्त्र फौजों को अनावश्यक विवाद में नहीं घसीटा जाएगा ।
उधर पाकिस्तान पीपल्स पार्टी, जिसने चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं, ने फिलहाल यह फैसला टाल दिया है कि देश का अगला प्रधानमंत्री किसे बनाया जाएगा ।
पीपीपी के कई वरिष्ठ सदस्य इस पद को हासिल करने की दौड़ में हैं, जिनमें श्री मखदूम अमीन फहीम भी हैं, जो पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय बेनज़ीर भुट्टो के लंबे समय तक सहयोगी रहे थे ।

स्वर्गीय भुट्टो के पति आसिफ अली ज़रदारी ने खुद को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर पेश नहीं किया है । पीपीपी के सह-अध्यक्ष पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की पार्टी और अन्य छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन सरकार बनाने के बारे में बातचीत कर रहे हैं ।

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