सोमवार, 31 मार्च 2008

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना क्रियान्वित राजस्थान और हरियाणा में स्मार्ट कार्ड की सुविधा का शुभारम्भ

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना क्रियान्वित राजस्थान और हरियाणा में स्मार्ट कार्ड की सुविधा का शुभारम्भ
पिछले वर्ष 1 अक्टूबर को औपचारिक तौर पर प्रारंभ की गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कल से क्रियान्वित होगी। इस योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत अगले पांच वर्षो में असंगठित क्षेत्र के गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को 30,000 रूपए तक के नकदीरहित स्वास्थ्य बीमा पर आधारित स्मार्ट कार्ड प्रदान किए जाएगें। इसके अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष से देश के 600 सभी जिलों में अनुमानित 6 करोड़ बीपीएल श्रमिकों में से प्रत्येक जिले के एक लाख श्रमिकों के हिसाब से प्रत्येक वर्ष में 120 जिलों को शामिल किया जाएगा।
केन्द्र सरकार इसके लिए पहले से ही दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है और मसौदा निविदा दस्तावेंज तैयार करके सभी राज्यों को भेज चुकी है। बीमा कंपनियों और संबंधित राज्यों के बीच हस्ताक्षर किए जाने वाले मसौदा अनुबंध समझौते को अंतिम रूप देने के अलावा वितरित किया जा चुका है। चिकित्सा कार्यप्रणालियों और उनकी लागत को विशेषज्ञों के एक दल द्वारा तय किया गया है। केन्द्र और राज्यों के बीच सहमति पत्र मसौदे को भी अंतिम रूप दिया जा चुका है।
दूसरी ओर सूचना प्रौद्योगिकी के मामले में, स्मार्ट कार्ड जारी करने के लिए स्मार्ट कार्ड हार्डवेयर, ऑपरेटिंग सॉफवेयर और सॉपऊटवेयर से संबंधित दिशा-निर्देशों को भी अंतिम रूप देकर जारी कर दिया गया है। इसी तरह से, विश्व बैंक की सहायता से स्मार्ट कार्ड उपयोग के विनिर्देश को भी तय कर लिया गया है। नकली और जाली आरएसबीवाई स्मार्ट कार्ड के जारी होने से जुड़े सुरक्षा मामलों के तहत एनआईसी ने एक प्रमुख प्रबंधन प्रणाली, केएमएस तैयार की है। पिछले आकड़ों पर आधारित प्रबंधन के लिए तैयारी चल रही है। हालाकि ये सभी कार्य तकनीकी स्तर पर काफी उच्च है और इनमें समय की भी खपत होती है पर स्मार्ट कार्ड संचालन के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण हैं।
योजना के तहत, प्रति वर्ष एक परिवार को कुल 30 हजार रूपए का बीमा लाभ मिलेगा। यह प्रक्रिया नकदीरहित होगी और बीमारी के लिए होन वाले अस्पताल के खर्चो के लिए दी जाएगी। वर्ष 2008-09 के बजट में इसके लिए प्रारंभिक तौर पर 250 करोड़ रू0 का आवंटन किया गया है। इसमे प्रति वर्ष के हिसाब से केन्द्र 75 प्रतिशत और राज्य शेष 25 प्रतिशत का योगदान करेगें।

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